Learn Ayurveda Pulse Diagnosis,Kaya Chikitsa,Medical Astrology And Other Lots Of Treditional Ayurvedic Information

Share

दीपनीय महाकषाय क्या है | About  Deepaniya Mahakashaya By Dronacharya Shastri ji |

Blog Pic

Deepaniya Mahakashaya:- दीपनीय महाकषाय अग्नि दीपन करने वाला बहुत सारे तीखे मसालेदार जड़ी बूटियों के कंपोजीशन से तैयार किया हुआ आयुर्वेदिक औषधि है।
दीपनीय महाकषाय का हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्वपूर्ण भूमिका रहता है वह इसी बात से आप अंदाज लगा सकते हैं कि हमारी माताएं सुबह शाम खाना बनाते वक्त हमेशा तीखा मसालेदार जितनी भी गरम मसाला है जितनी को वह जानती है सब मसाला बनाकर सब्जी में डाल देती है क्योंकि वह जानती है यह मसाला सभी गरिष्ठ भोजन को पचाने में आवश्यक जठर को प्रदीप्त करने के लिए अहम भूमिका अदा करते है। 

 

दीपनीय महाकषाय Deepaniya Mahakashaya ही वास्तव में वह जरिया है जो कायचिकित्सा को संपूर्ण कर सकता है। आचार्य ने अग्नि को ही काय शब्द से संबोधन किया है। यानी अग्नि ही शरीर है, अग्नि ही शरीर का तेज ,बल, वर्ण या सब कुछ है।
आचार्यों ने अग्नि चिकित्सा करना ही कायचिकित्सा करना बताया है। शरीर का वल  70%  अग्नि के ऊपर ही निर्भर है और 30% आहार-विहार के ऊपर निर्भर है । अब इसी बात से भी आप अंदाज लगा सकते हो कि शरीर में दीपन कर्म का कितना बड़ा महत्व है।
 Deepaniya Mahakashaya शरीर में अग्नि को बलवान करता है भोजन करने की क्षमता को निर्धारित करता है सभी प्रकार के वायु के कर्मों को मेंटेन करता है। या कहे कि सभी प्रकार के रोग से शरीर को बचाने में   Deepaniya Mahakashaya अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि बताया जाता है ।
रोगा: सर्वेपी मंदानौ।
यानी सभी जो रोग है शरीर में मंदाग्नि होने के वजह से ही पनप्ते हैं। ऐसे में मंदाग्नि नाशक दीपनीय महाकषाय का विशेष महत्व आयुर्वेद मुक्त कंठ गाता रहता है। शायद यह भी एक कारण है कि जितने भी आयुर्वेदिक दवाइयां है चाहे वह किसी भी व्याधि से संबंध रखने वाला दवाई हो सभी में  Deepaniya Mahakashaya का दो या दो से अधिक जड़ी बूटियां जरूर मिलेंगे।

क्या आप भी आयुर्वेद सीखना चाहते हैं।
इस वीडियो को देखकर आप आयुर्वेद सीख सकते हैं।

Deepaniya Mahakashaya दीपन कार्य करने वाला महौषधि है तो समझ लेते हैं यह दीपन क्या बला है।

दीपन क्या है?
दीपन यानी जिसमें जलाने वाली गुण होती है। जिसमें पकाने वाली गुण होती है। अकेले दीपन कहने से लोग पाचन इस शब्द के ऊपर फिर कंफ्यूज हो जाते हैं।
दीपन यानी जलना और पाचन यानी पचना.. मान लीजिए आपने चूल्हे के ऊपर कढ़ाई रखा है उसमें पानी सहित चावल रखा है यह चावल तभी पकेगा यानी चावल का पाक कृया तभी होगा जब लकड़ी में आग सही तरह से लगेगा यानी चूल्हा विधि पूर्वक जलेगा।
अब विधि पूर्वक का मतलब यह भी है कि कभी ज्यादा जले कभी कम जले कभी बंद हो जाए यह विधि पूर्वक जलना नहीं हुआ विधि पूर्वक जलने का मतलब साफ है की हमेशा एक जैसा आग बना रहे। जो हमेशा एक जैसा आग बना रहे ताकि कढ़ाई में रखा हुआ चावल सही ढंग से पकेगा उसे उस अग्नि का उत्तम दीपन कर्म कहेंगे। जव उत्तम दीपन कर्म होने लगता है तो वहां कढ़ाई में रखा हुआ चावल पका या नहीं इस बात का कोई सवाल ही नहीं उठता अग्नि यदि सही जली हो तो कढ़ाई में रखा हुआ चावल तो विधि पूर्वक पकही जाता है । शायद इसी कारण से चरक मुनि ने अपने चरक संहिता में पाचक महाकषाय नाम से अलग सा कोई वर्णन नहीं किया है। क्योंकि वह जानते हैं दीपन कर्म होना ही पाचन कर्म को मजबूती देता है।

 Deepaniya Mahakashaya की जड़ी 10 बूटियां।

पीपली, पीपलीमूल,चव्य, चित्रक,सोंठ,अम्लवेत, भल्लातक,मरीच, अजमोद,और हिंङ्ग, यह दीपनीय महाकषाय के जड़ी बूटियां है।
दीपनीय महाकषाय के इन सभी जड़ी बूटियों को जब एक साथ मिक्स करते हैं तो जठर को दीपन करने वाला एक विशेष शक्ति शरीर में संचार होता है।

 Deepaniya Mahakashaya का मुख्य कार्य।

  • यह लिपिड प्रोफाइल के स्तर को नीचे लाने में मदद करता है।
  • अर्बुद (गुल्म) मे दीपनीय महाकषाय दे सकते हैं।
  • अपच अग्निमांद्य मे  Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
  • उदर का फैलाव (अधमाना) मे Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
  • अटोप मे  Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
  •  कष्टार्तव मे  Deepaniya Mahakashaya  दे सकते हैं।
  •  पीलिया में Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।

लिपिड प्रोफाइल के स्तर को नीचे लाने में मदद करता है।
लिपिड प्रोफाइल परीक्षण, के अंतर्गत्त कुल कोलेस्ट्राल, उच्च घनत्व कोलेस्ट्रॉल (हाई डेनसिटी लिक्विड कोलेस्ट्राल), निम्न घनत्व कोलेस्ट्रॉल, अति निम्न घनत्व कोलेस्ट्रॉल और ट्राय ग्लिसेराइड की जांच होती है।
लिपिड प्रोफाइल टैस्ट के तहत पांच तरह के टैस्ट किए जाते हैं। जिसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल), लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल), वैरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (वीएलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड की जांच होती है। 
यह सभी अपक्व आम रस है   Deepaniya Mahakashaya निरंतर सेवन करने से शरीर में अग्नि की वृद्धि होगी और लिपिड प्रोफाइल रिपोर्ट नॉर्मल आ जाएगा।

 Deepaniya Mahakashaya की कुछ खास बातें।

अतिरिक्त वसा को दूर करने में मदद करती है।
मांस धातु के सार भाग से वसा का निर्माण होता है। शरीर में चिकनाहट को बनाए रखने के लिए प्रकृति ने वसा  का निर्माण किया है। लिपिड प्रोफाइल वढ्ने मे वसा का भी बहुत बड़ा हाथ होता है  Deepaniya Mahakashaya वसायुक्त सभी अपक्व आम रस को कम करने में मदद करता है।

 अर्बुद (गुल्म) मे  Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
सभी प्रकार के अर्बुद जठराग्नि के दीपन शक्ति की कमी के वजह से ही होता है। धातु पाक की क्रिया सम्यक ना होने की वजह अर्बुद जिन्हें गुल्म कहा गया है होता है। यहां भी लेखनीय महाकषाय और  Deepaniya Mahakashaya दोनों को मिलाकर दे सकते हैं। यदि गुल्म का साइज बड़ा है तो यहां इन दो महाकषाय के साथ कुछ तिक्ष्ण और क्षारीय द्रव्यों का भी प्रयोग किया जा सकता है।

उदर शूल मे दीपनीय महाकषाय दे सकते हैं।
उदर शूल को Abdominal pain भी कहते हैं जहां शूल होता है वहां वायु का प्रभाव जरूर समझ में आती है। मगर यह भी जानना है कि यहां वायु शूल क्यों दे रहा है इसका कारण कफ के परमाणु द्वारा वायु के मार्ग अवरुद्ध होना भी  हो सकता है।  Deepaniya Mahakashaya अग्नि को बढ़ाकर कफ के परमाणुओं को नष्ट करेगा ऐसा होने से वायु का अवरोध स्वत: खुल जाएगा वैसे दीपनीय महाकषाय को विकृत अवस्था में गया हुआ वायु को समन करने वाला भी बताया है। इसके साथ-साथ नीचे लिखे गए सभी समस्याओं में दीपनीय महाकषाय दे सकते हैं।
अपच अग्निमांद्य मे  Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
उदर का फैलाव (अधमाना), Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
अटोप मे  Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।
 कष्टार्तव  Deepaniya Mahakashaya  दे सकते हैं।

पीलिया में Deepaniya Mahakashaya दे सकते हैं।

 

Deepaniya Mahakashaya इन आयुर्वेदिक क्लासिकल मेडिसिन में डाला गया है|
हिंगवाष्टक चूर्ण में भी  Deepaniya Mahakashaya है।
काली मिर्च, पिपली,सोंठ
अजमोद अजवायन
सैंधव नमक - काला नमक
सफेद जीरा, काला जीरा,- घी मे भुना हुआ हिंग।
यह पाउडर के रूप में एक आयुर्वेदिक औषधी तैयारी है।  यह पाचन समस्याओं जैसे अपच, भूख न लगना आदि के इलाज में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले चूर्णों में से एक है…। इसे घी के साथ दिया जाता है।

वैश्वनार चूर्ण मे भी दीपनीय महाकषाय के ही गुण है।
वैश्वानर चूर्ण बनानेका तरीका: सैंधानमक और अजवायन 2-2 भाग, अजमोद 3 भाग, सौंठ 2 भाग और बड़ी हरड़ के छिलके 12 भाग ले। सबको मिला, कूटकर बारीक चूर्ण करे। यह तैयार हुवा वैश्वानर चूर्ण।यह वैश्वानर चूर्ण उत्तम दीपन-पाचन और सारक (कब्ज को दूर करनेवाला) है। आमवात (Rheumatism), गुल्म (Abdominal Lump), ह्रदयका भारीपन, बस्तीपीड़ा (मूत्राशय में पीड़ा), प्लीहा (Spleen), सारे शरीर में बिच्छू के काटने के समान पीड़ा होना, अफरा, अर्श (Piles-बवासीर)) आदि गुदा के रोग, मल-मूत्रावरोध, उदररोग (पेट के रोग), हाथ-पैरो की नसे खींचाना इत्यादि रोगो को नष्ट करता है, और वात की गति को अनुलोमन (नीचे की तरफ) करता है।


पंचकोल चुर्ण मे भी दीपनीय महाकषाय का ही गुण है।
पीपली, पीपली मुल,चव्य, चित्रक,सोंठ, इन 5 दीपनीय महाकषाय के महा औषधियों के संयोग से पंचकोल चूर्ण का कंपोजीशन तैयार हुआ है। पंचकोल चूर्ण पंचकर्म के प्रारंभ में कफ के परमाणुओं को दीपन पाचन करके जठराग्नि को प्रदीप्त करने के लिए दिया जाता है।

चित्रकदि वटी मैं भी दीपनीय महाकषाय की जड़ी बूटियां हैं।
चित्रकमूल की छाल पीपलामूल, सज्जीखार,यवक्षार,सेंधानमक ,सोंचर नमक, काला नमक, समुद्र नमक,सांभर नमक, सोंठ,काली मिर्च, छोटी पीपल, घी में सेंकी हुई हींग, अजमोद  और चव्य 
चित्रकादि वटी मैं लवण और कटु  रस प्रधान जडी़बूटियां है। यह दवाई जिसके शरीर में मधुर और कषाय रस प्रधान व्याधि हुवा है उनको दे सकते हैं।

CHARAK MAHAKASHAYA's

?Deepaniya-Mahakashaya/

?Sandhaniya-Mahakashaya/

?Bhedaneeya-mahakasaya/

?Lekhaniya-Mahakashaya/

?bruhaniya-Mahakashaya/

?Jivaniya-Mahakashaya/

?Balya-Mahakashaya/

Telepathy Kya Hota Hai? | Ayushyogi Online Telepathy Master Course

Telepathy क्या होता है इस विषय में अधिक…

India's Best One Year Ayurveda Online Certificate Course for Vaidhyas

यदि आप भी भारत सरकार Skill India nsdc द…

The Beginner's Guide to Ayurveda: Basics Understanding I Introduction to Ayurveda

Ayurveda Beginners को आयुर्वेदिक विषय स…

Ayurveda online course | free Ayurveda training program for beginner

Ayurveda online course के बारे में सोच …

Nadi Vaidya online workshop 41 days course  brochure । pulse diagnosis - Ayushyogi

Nadi Vaidya बनकर समाज में नाड़ी परीक्षण…

आयुर्वेद और आवरण | Charak Samhita on the importance of Aavaran in Ayurveda.

चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेदिक आवरण के…

स्नेहोपग महाकषाय | Snehopag Mahakashay use in joint replacement

स्नेहोपग महाकषाय 50 महाकषाय मध्ये सवसे …

Varnya Mahakashaya & Skin Problem | natural glowing skin।

Varnya Mahakashaya वर्ण्य महाकषाय से सं…

Colon organ pulse Diagnosis easy way | How to diagnosis feeble colon pulse in hindi |

जब हम किसी सद्गुरु के चरणों में सरणापन…

Pure honey: शुद्ध शहद की पहचान और नकली शहद बनाने का तरीका

हम आपको शुद्ध शहद के आयुर्वेदिक गुणधर्म…