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Mirgi Ke Totke | जटामांसी और नागरमोथा से मिर्गी का अचुक इलाज || घर में ही बनाए मिर्गी का आयुर्वेदिक दवाई |

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मिर्गी का अचूक इलाज के साथ Mirgi ke totke मिर्गी के आयुर्वेदिक दवा(Ayurvedic medicine) वनाने की  विधि । नागरमोथा और जटामांसी से करे मिर्गी का इलाज Mirgi Treatment । यदि रोगी को मिर्गी का शिकायत है और सिर के पिछले हिस्से में दर्द होता है तो मिर्गी का दवाई के रूप में नागर मोथा और जटामांसी द्वारा बना हुआ यह नीचे लिखे हुए योगों को देसकते है।
कोई भी मिर्गी के दवाई निर्माण करने और मिर्गी के रोगी(mirgi के rogi)को देने से पहले हमे उस मिर्गी के दवाईI( Mirgi Treatment Medicine) से संबंधित संपूर्ण जानकारी होना अनिवार्य है ।

Epilepsy/mirgi ka ilaj / patient feedback
MIRGI KE ROGI KI BATE -
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इनको अमावस और पूर्णिमा सी को ही दौरा आता था। 

ब्रेन ट्यूमर ठीक हुआ देखिए इस वीडियो को।

मिर्गी ठीक होने से देखिए कैसे खुश है रोगी।

इनको भी यकीन नहीं था कि यहां से इनका मिर्गी रोग ठीक हो जाएगा

यह भी मिर्गी के रोगी है सुनिए क्या कहते हैं हमारे दवाइयों के बारे में

मिर्गी होने का एक अजीब कारण

इस बच्चे को हमेशा बुखार आने के बाद दौरा आता था।

मिर्गी से इतना परेशान की आत्महत्या तक करने के लिए तैयार था मगर अब सुनिए क्या कहता है रोगी।

इनको भी मिर्गी का दौरा आता था मगर अब इनकी बात सुनीए।

इनको तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि इनका मिर्गी रोग कैसे ठीक हो गया।

 मिर्गी रोग ठीक हो गया प्रमाण देखिए|


यह जनाब हॉस्पिटल में लाखों रुपया खर्चा करके मेरे पास आए थे।

इनका भी मिर्गी रोग मेरे ही दवाई से ठीक हुआ है।

यह तो मुझे गारंटी मांग रहे थे दवाई लूंगा मगर गारंटी दो पिया ठीक हो जाएगा 

इनको भी यकीन नहीं हो रहा है कि मैं कैसे ठीक हो गया।

ऐसे अनगिनत रोगी है जिनका लंबे समय से एलोपैथिक चिकित्सा के बावजूद मिर्गी रोग ठीक नहीं हो रहा था मगर अब वे सभी हमारे घरेलू आयुर्वेदिक दवाई के सेवन से ठीक हो चुके हैं।
हमारे यहां इस वक्त 100 में से 72% रोगी ठीक हो रहे हैं।

वह मिर्गी नाशक जड़ी बूटी आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से किस तरह के गुण वाला है और वह शरीर के किस हिस्से में अपना किस तरह का असर दिखाता है इसको जाने बगैर किसी व्यक्ति को मिर्गी नाशक  दवाई देना मूर्खता ही है ।

मिर्गी रोग नाशक आयुर्वेदिक दवाइ।(mirgi ke rogi)

 सबसे पहले हम नागर मोथा और जटामांसी के मिर्गी नाशक आयुर्वेदिक गुण धर्म को समझते हैं।
नागरमोथा
-शीतल चरपरा,कषाय,स्वेदोपग,मूत्रविरेचन कारक, नागरमोथा को खाने से वमन रुक जाता है, दूध में मिलाकर पीने से आउ युक्त दस्त बंद हो जाता है, सामान्य चंदन के समान नागर मोथा में अरुचि आमातिसार, खूनी बवासीर अजीर्ण, संकोचक होने से संग्रहणी मे लाभदायक,कफ नाशक पित्त और ज्वरनाशक, श्रम को दूर करता है। कुल मिलाकर नागर मोथा शरीर से पसीना और यूरिन के माध्यम से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है।

जटामांसी
जटामांसी को आयुर्वेदिक मतानुसार मधुर, कषाय व तिक्त रस वाली, लघु, स्निग्ध व तीक्ष्ण गुण युक्त, शीतल प्रकृति की, विपाक में कटु, है। जटामांसी एक उड़न सील तेज गंध वाली जड़ी बूटी है जटामांसी का तेल ही ज्यादातर लोग प्रयोग करते हैं।
नागर मोथा और जटामांसी दोनों ही अति सुगंधित द्रव्य है। इन दोनों औषधियों से यदि हम आयुर्वेदिक विधि से तेल निर्माण करके रोगी को नाक में डालने के लिए प्रयोग करते हैं तो यह मिर्गी के लिए बहुत उत्तम चिकित्सा व्यवस्था होगा।
यह तेल मस्तिष्क मैं जो संज्ञा वाही नाडीयां है उन्हें जागृत करने में कार्य करेगा।

मिर्गी रोगियों का दिनचर्या कैसे होना चाहिए जानने के लिए इस फोटो पर क्लिक करें cliick this Link मिर्गी रोगियों का दिनचर्या

mirgi ke totke

इसके साथ यदि कफ पित्त वात दोष के आधार पर मिर्गी के रोगियों को आयुर्वेदिक दवाई देते हैं तो निश्चित रोगी को काफी हद तक फर्क दिखता है।
जालंधर में स्थित वैद्य द्रोणाचार्य जी का कहना है की मिर्गी रोग का अचूक इलाज ढूंढ रहे हैं तो आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। आप अपने ही घर में मिर्गी की आयुर्वेदिक दवा का निर्माण खुद ही कर सकते हैं। मिर्गी की आयुर्वेदिक दवा घर में ही बनाने के लिए आपको सबसे पहले मिर्गी के लक्षण(Mirgi ke lakshan) को ध्यान से समझना होगा।
और पढ़ें-मिर्गी के लक्षण  (Mirgi ke lakshan)के लिए यहां क्लिक करें।
दूसरी पोस्ट से मिर्गी का लक्षण कलेक्शन करने के बाद अब आपको समझ में आ गया होगा कि रोगी को मिर्गी कैसे आती है। अब इसका इलाज ढूंढिए।
यदि मिर्गी के लक्षण कफ दोष के साथ मिलता है तो मिर्गी रोग नाशक महा कल्याण चूर्ण देना चाहिए। मिर्गी के लक्षण पित्त दोष से मिलता है तो अविपत्तिकर चूर्ण भोजन के बाद एक एक चम्मच और भोजन से पहले सूतशेखर रस दो टेबलेट कामदुधा रस दो टेबलेट देना चाहिए।
मिर्गी के लक्षण यदि वात दोष से मेल खाता है तो भोजन से पहले स्मृति सागर रस दो टेबलेट मानस मित्र वटकम एक टेबलेट तथा भोजन करने के बाद लहसुनादि वटी दो टेबलेट गर्म पानी के साथ दे।

mirgi ke totke

मिर्गी के टोटके।Mirgi ke Totke?

मिर्गी के लिए टोटके (Mirgi ke Totke)भी कभी-कभी बहुत काम करता है। बताया जाता है कि शुद्ध हींग को कपड़े के ताबीज में भरकर रोगी के गले में पहनाने से भी मिर्गी में काफी हद तक सुधार आ जाता है।
मिर्गी के टोटके (Mirgi ke Totke)बताते हुए एक संत ने कहा कि यदि मिर्गी Mirgiके रोगी को लेटाकर उसके ब्रह्मरंध्र या दोनों आंखों के बीचोबीच जहां माताएं टीका लगाती है सटीक उसी जगह पर अग्नि कर्म करने पर भी मिर्गी का दौरा नहीं आता क्योंकि संज्ञा वाही नाड़ी वहीं से होकर गुजरता है।

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